भारत जैसे कृषि प्रधान देश में किसानों को सही समय पर सटीक जानकारी प्रदान करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। Agriculture Extension Scheme ‘कृषि विस्तार के लिए जनमाध्यम्य संसाधना’ का उद्देश्य कृषि संचार तंत्र को सुदृढ़ करना और आधुनिक तकनीकों व विधियों को ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुँचाना है। यह योजना किसानों को नई कृषि तकनीकों, जलवायु अनुकूल उपायों, और उपज बढ़ाने के प्रभावी साधनों से अवगत कराने का एक प्रभावी माध्यम है।
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कृषि में जनमाध्यम्य की भूमिका क्यों महत्वपूर्ण है?
भारतीय कृषि अनेक चुनौतियों से जूझ रही है, जिनमें प्रमुख हैं:
- कृषि उत्पादन की घटती उत्पादकता
- मौसमी अनिश्चितताएं
- तकनीकी जागरूकता की कमी
- जानकारी के प्रसार में विलंब
इन समस्याओं का समाधान जनमाध्यम्य (Mass Media) के माध्यम से संभव है। रेडियो, टेलीविजन, मोबाइल एप्लिकेशन और इंटरनेट जैसी जनमाध्यम्य सेवाएं किसानों को सूचित और सशक्त बनाने में अहम भूमिका निभाती हैं।
Agriculture Extension Scheme ‘कृषि विस्तार के लिए जनमाध्यम्य संसाधना’ का उद्देश्य इन्हीं माध्यमों का उपयोग करके किसानों तक आधुनिक कृषि तकनीकों की पहुँच सुनिश्चित करना है।
श्रेणी | विवरण |
योजना का नाम | Agriculture Extension Scheme ‘कृषि विस्तार के लिए जनमाध्यम्य संसाधना’ |
उद्देश्य | किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों, जलवायु अनुकूल उपायों और उन्नत जानकारी से सशक्त करना। |
माध्यम | टेलीविजन, रेडियो, डिजिटल प्लेटफॉर्म, मोबाइल ऐप्स, एसएमएस सेवाएं, कृषि मेले। |
मुख्य लक्ष्य | उत्पादन बढ़ाना, लागत कम करना, टिकाऊ खेती को बढ़ावा देना, और पर्यावरण संरक्षण। |
प्रमुख घटक | 1. टेलीविजन व रेडियो प्रसारण 2. डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म 3. वर्कशॉप्स और प्रशिक्षण |
लाभ | 1. जानकारी का व्यापक प्रसार 2. तकनीकी जागरूकता 3. आर्थिक उन्नति 4. पर्यावरण संरक्षण |
चुनौतियाँ | इंटरनेट की सीमित पहुँच, डिजिटल साक्षरता की कमी, तकनीकी सामग्री को समझने में कठिनाई। |
समाधान | इंटरनेट सुधार, स्थानीय भाषाओं में सामग्री, क्षेत्रीय वर्कशॉप्स और डेमो का आयोजन। |
प्रभाव का उदाहरण | जैविक खेती अपनाने से हरियाणा के किसान रामलाल ने उत्पादन में 30% वृद्धि प्राप्त की। |
निष्कर्ष | यह योजना कृषि को आधुनिक और टिकाऊ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। |
योजना के उद्देश्य और मुख्य लक्ष्य
इस योजना के माध्यम से निम्नलिखित लक्ष्य हासिल करने का प्रयास किया गया है:
- सूचना का प्रसार:
किसानों को उन्नत बीज, जैविक खेती, सिंचाई पद्धतियों और आधुनिक उपकरणों के बारे में जागरूक करना। - तकनीकी ज्ञान को बढ़ावा देना:
कृषि विशेषज्ञों के सुझावों और वैज्ञानिक अनुसंधान आधारित समाधानों को किसानों तक पहुँचाना। - खेती में आय स्थायित्व:
फसल उत्पादन बढ़ाने और लागत घटाने के उपायों को साझा करना। - पर्यावरण अनुकूल खेती को प्रोत्साहन:
टिकाऊ खेती और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण को बढ़ावा देना।
Agriculture Extension Scheme के मुख्य घटक
इस योजना के तहत विभिन्न माध्यमों का उपयोग करके सूचना का प्रचार-प्रसार किया जाता है। प्रमुख घटक हैं:
- टेलीविजन और रेडियो प्रसारण:
दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो के माध्यम से कृषि कार्यक्रमों का प्रसारण किया जाता है। - डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म:
किसान पोर्टल, मोबाइल ऐप, और SMS सेवाओं के माध्यम से त्वरित जानकारी प्रदान की जाती है। - कृषि मेलों और वर्कशॉप्स का आयोजन:
किसानों को व्यावहारिक अनुभव और ट्रेनिंग के माध्यम से शिक्षित किया जाता है। - स्थानीय भाषाओं में सामग्री:
क्षेत्रीय भाषाओं में जानकारी प्रदान कर किसानों को सरलता से शिक्षित किया जाता है।
Agriculture Extension Scheme के लाभ
- संपर्क का विस्तार:
देश के दूरस्थ क्षेत्रों तक आधुनिक जानकारी पहुँचाना। - कृषकों का सशक्तिकरण:
किसानों को नवीनतम कृषि तकनीकों और सरकारी योजनाओं की जानकारी देकर उनका सशक्तिकरण। - उत्पादन वृद्धि:
नई तकनीकों के उपयोग से फसल की गुणवत्ता और उत्पादन में सुधार। - जलवायु अनुकूलन:
जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने के उपायों की जानकारी।
उदाहरण: योजना के प्रभावशाली परिणाम
हरियाणा के एक छोटे गाँव के किसान रामलाल ने योजना के माध्यम से जैविक खेती की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने अपने खेत में उन्नत बीज और प्राकृतिक उर्वरकों का उपयोग शुरू किया, जिससे उनकी फसल उत्पादन में 30% वृद्धि हुई। यह उनके लिए आर्थिक रूप से लाभकारी सिद्ध हुआ और उन्होंने अपने अनुभव को अन्य किसानों के साथ साझा किया।
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Agriculture Extension Schemeके सामने चुनौतियाँ और समाधान
चुनौतियाँ:
- ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट की सीमित पहुँच।
- किसानों की डिजिटल जानकारी की कमी।
- तकनीकी सामग्री को समझने में कठिनाई।
समाधान:
- इंटरनेट कनेक्टिविटी में सुधार।
- क्षेत्रीय भाषाओं में अधिक सामग्री का विकास।
- स्थानीय स्तर पर वर्कशॉप्स और लाइव डेमो का आयोजन।
निष्कर्ष
Agriculture Extension Scheme ‘कृषि विस्तार के लिए जनमाध्यम्य संसाधना’ भारतीय किसानों के लिए एक वरदान सिद्ध हो रही है। यह योजना न केवल किसानों को जागरूक बनाती है, बल्कि उन्हें नई कृषि तकनीकों को अपनाने के लिए प्रेरित भी करती है।
यदि इस योजना को सही ढंग से लागू किया जाए तो यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करने और भारत को आत्मनिर्भर बनाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। आइए, इस पहल का हिस्सा बनें और भारतीय कृषि को एक नई ऊंचाई पर पहुँचाने में मदद करें।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
Q: Agriculture Extension Scheme ‘कृषि विस्तार के लिए जनमाध्यम्य संसाधना’ का मुख्य उद्देश्य क्या है?
Ans: यह योजना किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों, जलवायु अनुकूल उपायों और उन्नत जानकारी तक पहुँचाकर उनकी उपज और आय बढ़ाने का लक्ष्य रखती है।
Q: इस योजना के तहत कौन-कौन से माध्यमों का उपयोग किया जाता है?
Ans: इस योजना के तहत टेलीविजन, रेडियो, डिजिटल प्लेटफॉर्म, मोबाइल ऐप्स, एसएमएस सेवाएं, और कृषि मेलों का उपयोग किया जाता है।
Q: इस योजना से किसानों को क्या लाभ होगा?
Ans: किसानों को तकनीकी जागरूकता, उत्पादन में वृद्धि, लागत में कमी, और पर्यावरण अनुकूल खेती के उपायों का लाभ मिलेगा।
Q: योजना के तहत किन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है?
Ans: मुख्य चुनौतियाँ हैं: इंटरनेट की सीमित पहुँच, डिजिटल साक्षरता की कमी, और तकनीकी जानकारी को समझने में कठिनाई।
Q: किसान योजना की जानकारी कैसे प्राप्त कर सकते हैं?
Ans: किसान क्षेत्रीय भाषाओं में सामग्री, प्रशिक्षण वर्कशॉप्स, टेलीविजन और रेडियो कार्यक्रमों के माध्यम से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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